12. उलटे हनुमान का मंदिर, साँवरे, इंदौर (Ulte Hanuman Mandir, Sanwer, Indore) |
लाल लंगोट धारण किए हुए और हाथ में सोटा लिए राम भक्त हनुमानजी अहिल्याबाई की नगरी इंदौर के चारों-ओर सैकड़ों वर्षों से विराजित हैं। वह कहीं रण में विजयश्री का आशीर्वाद देते रणजीत स्वरूप में हैं तो दास बगीची में भगवान राम के दास स्वरूप में। पेश है हनुमान जयंती पर रामभक्त मारुतिनंदन बजरंगबली के इंदौर स्थित मंदिर का संक्षिप्त परिचय...
उलटे हनुमानजी |
साँवेर के उलटे हनुमान मंदिर में श्रीराम, सीता, लक्ष्मणजी, शिव-पार्वती की मूर्तियाँ हैं। मंगलवार को हनुमानजी को चौला भी चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि तीन मंगलवार, पाँच मंगलवार यहाँ दर्शन करने से जीवन में आई कठिन से कठिन विपदा दूर हो जाती है। कहते हैं भक्ति में तर्क के बजाय आस्था का महत्व अधिक होता है। यहाँ प्रतिष्ठित मूर्ति अत्यन्त चमत्कारी मानी जाती है। यहाँ कई संतों की समाधियाँ हैं। सन् 1200 तक का इतिहास यहाँ मिलता है।
नगर के साँवरे क्षेत्र में स्थित बहुत ख्यात हनुमान मंदिर-
रण को जिताने वाले रणजीत हनुमान जी- शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित रणजीत हनुमान मंदिर अहिल्या नगरी के सबस ख्यात मंदिरों में शुमार है। इस मंदिर की स्थापना सवा सौ साल से भी पहल की गई थी। कहा जाता है कि युद्ध से पूर्व होल्कर शासक रण जीतने के लिए यहां स्थित हनुमानजी की पूजा-अर्चना और दर्शन करते थे। इससे उनको युद्ध में जीत हासिल होती थी। यही कारण है कि यहां स्थापित हनुमानजी का नाम रणजीत हनुमान मंदिर है।
दास बगीची में हनुमानजी का दास स्वरूप- शहर के पश्चिम क्षेत्र में ही दास बगीची में स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा श्री फल लिए हाथ जोड़े दास स्वरुप में है। इस प्रतिमा के कारण बड़ा गणपति स्थित इस बगीची का नाम दास बगीची पड़ा। कहते हैं कि यह ढाई एकड़ क्षेत्र में फैली इस बीगीची में प्राकृतिक वातावरण आनंदित करता है। 400 वर्ष पुरानी यह मूर्ति किसी चमत्कार से कम नहीं है। जय सियाराम बाबा की तपोस्थली रहे इस स्थान में कभी निर्मल शीतल जल बहा करता था, इसलिए यहां काले पत्थरों का घाट बना हुआ है।
सिद्धि देने वाले सिद्देश्वरजी- चिड़ियाघर के सामने स्थित प्राचीन सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर भक्तों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। 400 साल पुराने इस मंदिर में भगवान हनुमान की बालरूप की मनोहारी प्रतिमा है। कहते हैं कि 5 मंगलवार यहां आकर दर्शन करने पर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। सिद्धि देने वाले इस मंदिर का जीर्णोद्धार होल्कर शासकों ने कराया था।
बेटमा के खेड़ापति हनुमानजी - नगर का सबसे प्रचीन हनुमान मंदिर कुम्हार मोहल्ला स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर है। बुजुर्गों के अनुसार यह मंदिर वर्षों पुराना होकर नगर की बसाहट के समय का है। यह मंदिर कितना पुराना है। इसे ठीक से अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। कहते है यह मंदिर आल्हा-ऊदल के शासनकाल के पहले का है। शमशान रोड़ स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर भी काफी प्राचीन है। इस मंदिर की विशेषता है कि यह उत्तरमुखी है।
दक्षिणामुखी हनुमानजी- शहर के व्यावसायिक क्षेत्र के भगवान नृसिंह मंदिर स्थित हनुमान मंदिर आकर्षण का केंद्र है। कहते हैं यहां स्थापित दक्षिणामुखी आदमकद प्रतिमा 500 वर्ष पुरानी है। यह खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी। मंदिर का जीर्णोद्धार होलकर शासकों द्वारा कराया गया था।
ल्टी प्रतिमा वाला टेम्पल,साँवरे, इंदौर |
No comments:
Post a Comment