13-प्राचीन हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली
(Hanuman
Mandir, Connaught Place, New Delhi)
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प्राचीन हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली |
कनॉट प्लेस- कनॉट
प्लेनस दिल्लीस का प्रमुख व्यीवसायिक केंद्र है। इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार
के सदस्यप “ड्यूक ऑफ
कनॉट” के नाम पर रखा गया था। इस मार्केट का
डिजाइन डब्यू एच निकोल और टॉर रसेल ने बनाया था। यह मार्केट अपने समय की भारत की
सबसे बड़ी मार्केट थी। अपनी स्थारपना के 65 साल बाद भी यह दिल्ली में खरीदारी का प्रमुख केंद्र है। यहां के इनर
सर्किल में लगभग सभी अंतर्राष्ट्री य ब्रैंड के कपड़ों के शोरूम, रेस्टोररेंट और बार हैं। यहां किताबों की दुकानें भी हैं जहां आपको भारत
के बारे में जानकारी देने वाली बहुत अच्छीद किताबें मिल जाएंगी।
प्राचीन हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस, नई
दिल्ली - यहां महाभारत कालीन श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है। यहां पर उपस्थित
बाल हनुमानजी स्वयंभू हैं। बालचन्द्र अंकित शिखर वाला यह मंदिर आस्था का महान
केंद्र है। दिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ शहर है, जो
यमुना नदी के तट पर पांडवों द्वारा महाभारत-काल में बसाया गया था।
इसके साथ बने शनि मंदिर का भी प्राचीन
इतिहास है। एक दक्षिण भारतीय द्वारा बनवाए गए कनॉट प्लेस शनि मंदिर में दुनिया भर
के दक्षिण भारतीय दर्शनों के लिए आते हैं। प्रत्येक मंगलवार एवं विशेषतः हनुमान
जयंती के पावन पर्व पर यहां भजन संध्या और भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद
वितरित किया जाता है। इसके साथ ही भागीरथी संस्था के तत्वाधान में संध्या का आयोजन
किया जाता है।
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कनॉट प्लेस का हनुमान मंदिर |
तब पांडव इंद्रप्रस्थ पर और कौरव
हस्तिनापुर पर राज्य करते थे। ये दोनों ही कुरु वंश से निकले थे। हिन्दू मान्यता
के अनुसार पांडवों में द्वितीय भीम को हनुमान जी का भाई माना जाता है। दोनों ही
वायु-पुत्र कहे जाते हैं। इंद्रप्रस्थ की स्थापना के समय पांडवों ने इस शहर में
पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी। ये मंदिर उन्हीं पांच में से एक है। यह सुंदर मंदिर कनॉट प्लेस (राजीव
चौक) के पश्चिम में स्थित है।
इतिहास
वैसे
तो हनुमानजी के देश भर में कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं लेकिन बात राजधानी
दिल्ली की की जाए तो यहां कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर की काफी मान्यता
है। यहां पर उपस्थित बाल हनुमानजी स्वयंभू हैं। यहां प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं की
काफी भीड़ रहती है लेकिन मंगलवार के दिन श्रद्धालुओं की काफी लंबी लंबी पंक्तियां
देखने को मिलती हैं। गत वर्ष दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान इस मंदिर
के बाहरी क्षेत्र का भी कायाकल्प किया गया।
इस मंदिर का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि माना जाता है कि इसकी स्थापना पांडवों
ने की थी।
इस मंदिर के बारे में यह भी मान्यता
है कि अपनी दिल्ली यात्रा के समय संत तुलसीदास जी भी इस मंदिर में आए थे और पूजन
अर्चन किया था। यही नहीं यह भी कहा जाता है कि तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की
रचना इसी मंदिर में की थी।
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हनुमान मंदिर, कनॉट प्लेस |
मंदिर से जुड़ी एक अन्य मान्यता यह है
कि एक बार मुगल सम्राट ने तुलसीदास जी को अपने दरबार में बुलाकर चमत्कार दिखाने को
कहा। तुलसीदास जी ने हनुमान जी के आशीर्वाद से जब चमत्कार कर दिखाया तो सम्राट ने
प्रसन्न होकर मंदिर के शिखर पर “इस्लामी चंद्रमा” सहित “किरीट कलश” लगवाया। यही कारण रहा कि विभिन्न आक्रमणों के दौरान मुस्लिम
आक्रमणकारियों ने इस्लामी चंद्रमा का मान रखा और कभी भी इस मंदिर को क्षति नहीं
पहुंचाई।
इस समय जो मंदिर है उसकी इमारत आंबेर
के महाराजा मान सिंह प्रथम ने मुगल सम्राट अकबर के शासन काल में बनवायी जिसका
विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय ने जंतर मंतर के साथ करवाया। कहा जाता है कि मंदिर
के पहले के निर्माण से लेकर अब तक बहुत परिवर्तन हुए, लेकिन हनुमानजी की मूर्ति वहीं पर स्थापित है,
जहां शुरू में थी।
मंदिर में 24 घंटे होने वाला अटूट मंत्र जाप यहां का विशेष
आकर्षण है। श्रीराम जय राम जय जय राम का यह मंत्र जाप 1 अगस्त
1964 से लगातार चल रहा है। इसे विश्व का सबसे लंबा जाप भी
कहा जाता है। इस बात का उल्लेख गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी है। यहां गर्भ
गृह की दीवार व हनुमान जी सहित अन्य देवता दक्षिण की ओर देखते हुए मिलते हैं।
हनुमान जयंती के दिन यहां भजन संध्या और भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी
संख्या में श्रद्धालुगण हिस्सा लेते हैं। इस दिन मंदिर प्रशासन की ओर से झांकी भी
निकाली जाती है।
मंदिर में बाल हनुमानजी के अलावा
श्रीराम सीता एवं लक्ष्मण, श्रीराधा कृष्ण,
श्री हनुमानजी महाराज, संतोषी माता, शिव शंकर पार्वती, शिवलिंग, नंदी,
हनुमानजी की गदा, मां दुर्गा, लक्ष्मी नारायण, भगवान गणेश, मां
सरस्वती की मूर्तियां भी स्थापित हैं। मंदिर के बाहर मिठाई और फूलों की कई दुकानें
हैं। श्रद्धालु मंदिर में हनुमानजी को लाल रंग का चोला और लड्डू चढ़ाते हैं।
कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर के निकट
स्थित एशिया के सबसे बड़े फूलों के बाजार में पिछले पंद्रह सालों से फूलों का
बाजार भी लगता है।
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कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर |
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