Tuesday 10 February 2015

असाधारण और अचूक है बजरंग बाण छोटी-मोटी समस्याओं में इस का प्रयोग निषेध है


असाधारण और अचूक है बजरंग बाण छोटी-मोटी समस्याओं में इस का प्रयोग निषेध है

छोटी-मोटी समस्याओं में इस का प्रयोग निषेध है। इसका प्रयोग किसी अत्यंत अभिष्ट कार्य के लिए भी किया जाता है मगर इसमें सावधानी रखने की जरूरत होती है।

बजरंग बाण के बारे में कहा जाता है कि इसका प्रयोग हर कहीं, हर किसी को नहीं करना चाहिए। जब व्यक्ति घोर संकट में हो तब ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए वरना राम भक्त हनुमान इसके प्रयोग में हुई त्रुटि को क्षमा नहीं करते हैं।

इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन तय

इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए वार - इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन तय करें। हनुमानजी की प्रतिमा या आकर्षक चित्र रख लें।

इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए आसन- पूजा के लिए कुशासन (एक विशेष प्रकार की घास से बना आसन) प्रयोग करें।

इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए पूजा के लिए स्थान - पूजा के लिए स्थान का शुद्ध एवं शान्त होना जरूरी है। किसी एकान्त अथवा निर्जन स्थल में स्थित हनुमानजी के मन्दिर में प्रयोग करें।

अनाजों को पीसकर इस आटे से दीया बनाएँ - हनुमान जी की पूजा में दीपदान का खास महत्त्व होता है। पाँच अनाजों (गेहूँ, चावल, मूँग, उड़द और काले तिल) को पूजा से पहले एक-एक मुट्ठी मात्रा में लेकर शुद्ध गंगाजल में भिगो दें। अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर इस आटे से दीया बनाएँ।

इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए दीया की बत्ती - बत्ती के लिए एक कच्चे सूत को अपनी लम्बाई के बराबर काटकर लाल रंग में रंग लें। इस धागे को पाँच बार मोड़ लें। इस प्रकार के धागे की बत्ती को सुगन्धित तिल के तेल में डालकर प्रयोग करें। जब तक पूजा चलें, यह दिया जलता रहना चाहिए। गूगल व धूप की विशेष व्यवस्था रखें।

इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए जप -  ॐ हनुमंते नम:  का जप निरंतर करें।

जप के प्रारम्भ में यह संकल्प लें - जप के प्रारम्भ में यह संकल्प लें कि आपका कार्य जब भी सिद्ध होगा, हनुमानजी की सेवा में नियमित कुछ अवश्य करेंगे। अब शुद्ध उच्चारण से हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण का जाप प्रारम्भ करें। 'श्रीराम' से लेकर 'सिद्ध करैं हनुमान' तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है।

जिस घर में बजरंग बाण का नियमित पाठ होता है, वहाँ दुर्भाग्य, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य शारीरिक कष्ट नहीं आते। जो व्यक्ति नित्य पाठ करने में असमर्थ हो, उन्हें कम से कम प्रत्येक मंगलवार को यह जप अवश्य करना चाहिए।

बजरंग बाण ध्यान

श्रीराम अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं।

दनुज वन कृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्य ।।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।

रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

दोहा

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।

चौपाई

जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।।

जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।।

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा।।

बाग उजारि सिन्धु मंह बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा।।

अक्षय कुमार को मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।।

लाह समान लंक जरि गई। जै जै धुनि सुर पुर में भई।।

अब विलंब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु प्रभु अन्तर्यामी।।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होई दुख करहु निपाता।।

जै गिरधर जै जै सुख सागर। सुर समूह समरथ भट नागर।।

ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले। वैरहिं मारू बज्र सम कीलै।।

गदा बज्र तै बैरिहीं मारौ। महाराज निज दास उबारों।।

सुनि हंकार हुंकार दै धावो। बज्र गदा हनि विलम्ब न लावो।।

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुँ हुँ हुँ हनु अरि उर शीसा।।

सत्य होहु हरि सत्य पाय कै। राम दुत धरू मारू धाई कै।।

जै हनुमन्त अनन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत है दास तुम्हारा।।

वन उपवन जल-थल गृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।

पाँय परौं कर जोरि मनावौं। अपने काज लागि गुण गावौं।।

जै अंजनी कुमार बलवन्ता। शंकर स्वयं वीर हनुमंता।।

बदन कराल दनुज कुल घालक। भूत पिशाच प्रेत उर शालक।।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल वीर मारी मर।।

इन्हहिं मारू, तोंहि शमथ रामकी। राखु नाथ मर्याद नाम की।।

जनक सुता पति दास कहाओ। ताकी शपथ विलम्ब न लाओ।।

जय जय जय ध्वनि होत अकाशा। सुमिरत होत सुसह दुःख नाशा।।

उठु-उठु चल तोहि राम दुहाई। पाँय परौं कर जोरि मनाई।।

ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनु हनुमंता।।

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल दल।।

अपने जन को कस न उबारौ। सुमिरत होत आनन्द हमारौ।।

ताते विनती करौं पुकारी। हरहु सकल दुःख विपति हमारी।।

ऐसौ बल प्रभाव प्रभु तोरा। कस न हरहु दुःख संकट मोरा।।

हे बजरंग, बाण सम धावौ। मेटि सकल दुःख दरस दिखावौ।।

हे कपिराज काज कब ऐहौ। अवसर चूकि अन्त पछतैहौ।।

जन की लाज जात ऐहि बारा। धावहु हे कपि पवन कुमारा।।

जयति जयति जै जै हनुमाना। जयति जयति गुण ज्ञान निधाना।।

जयति जयति जै जै कपिराई। जयति जयति जै जै सुखदाई।।

जयति जयति जै राम पियारे। जयति जयति जै सिया दुलारे।।

जयति जयति मुद मंगलदाता। जयति जयति त्रिभुवन विख्याता।।

ऐहि प्रकार गावत गुण शेषा। पावत पार नहीं लवलेषा।।

राम रूप सर्वत्र समाना। देखत रहत सदा हर्षाना।।

विधि शारदा सहित दिनराती। गावत कपि के गुन बहु भाँति।।

तुम सम नहीं जगत बलवाना। करि विचार देखउं विधि नाना।।

यह जिय जानि शरण तब आई। ताते विनय करौं चित लाई।।

सुनि कपि आरत वचन हमारे। मेटहु सकल दुःख भ्रम भारे।।

एहि प्रकार विनती कपि केरी। जो जन करै लहै सुख ढेरी।।

याके पढ़त वीर हनुमाना। धावत बाण तुल्य बनवाना।।

मेटत आए दुःख क्षण माहिं। दै दर्शन रघुपति ढिग जाहीं।।

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।

डीठ, मूठ, टोनादिक नासै। परकृत यंत्र मंत्र नहीं त्रासे।।

भैरवादि सुर करै मिताई। आयुस मानि करै सेवकाई।।

प्रण कर पाठ करें मन लाई। अल्प-मृत्यु ग्रह दोष नसाई।।

आवृत ग्यारह प्रतिदिन जापै। ताकी छाँह काल नहिं चापै।।

दै गूगुल की धूप हमेशा। करै पाठ तन मिटै कलेषा।।

यह बजरंग बाण जेहि मारे। ताहि कहौ फिर कौन उबारे।।

शत्रु समूह मिटै सब आपै। देखत ताहि सुरासुर काँपै।।

तेज प्रताप बुद्धि अधिकाई। रहै सदा कपिराज सहाई।।

दोहा

प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै। सदा धरैं उर ध्यान।।

तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।
 
 
आप हनुमानजी के भक्त हैं तो जरूर करें इन सात में से कोई एक उपाय
बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए यहां चमत्कारी उपाय बताए जा रहे हैं, जो कि मंगलवार और शनिवार को किए जाने चाहिए।
 
यदि आप हनुमानजी के भक्त हैं तो, इन सात में से कोई एक उपाय जरूर करें। मंगलवार और शनिवार बहुत खास दिन हैं। इन दो दिनों मे की गई हनुमान पूजा विशेष फल देने वाली होती है।

सुबह-सुबह पीपल के कुछ पत्ते तोड़ लें और उन पत्तों पर चंदन या कुमकुम से श्रीराम नाम लिखें। इसके बाद इन पत्तों की एक माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें।
 
किसी पीपल पेड़ को जल चढ़ाएं और सात परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
 
अगर आपको कड़ी मेहनत के बाद भी किसी महत्वपूर्ण कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है
किसी हनुमान मंदिर में अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग लेकर जाएं।
इसके बाद मंदिर में हनुमानजी के सामने नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमानजी के मंत्रों का जप करें। मंत्र जप के बाद हनुमानजी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और वह नींबू अपने साथ रखकर कार्य करें। मेहनत के साथ ही कार्य में सफलता मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
 
यदि आपके कार्यों में बार-बार बाधाएं आ रही हैं या धन प्राप्त करने में देरी हो रही है या किसी की बुरी नजर बार-बार लगती है तो अपने साथ एक नारियल लेकर किसी सिद्ध हनुमान मंदिर में जाएं और मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के सामने नारियल को अपने सिर पर सात बार वार लें। इसके साथ हनुमान चालीसा का जप करते रहें। सिर पर वारने के बाद नारियल हनुमानजी के सामने फोड़ दें। इस उपाय से आपकी सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।
 
यदि आप मालामाल होना चाहते हैं तो रात के समय दीपक का यह उपाय करें। रात में किसी हनुमान मंदिर जाएं और वहां प्रतिमा के सामने में चौमुखा दीपक लगाएं। चौमुखा दीपक यानी दीपक चार ओर से जलाना है। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा प्रतिदिन करेंगे तो बहुत ही जल्द बड़ी-बड़ी परेशानियां भी आसानी से दूर हो जाएंगी।
 
यदि आपके कार्यों में परेशानियां अधिक आ रही हैं और बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं तो शनिवार को यह उपाय करें। उपाय के अनुसार आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान आदि नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद घर से एक नींबू अपने साथ लें और किसी चौराहे पर जाएं। अब वहां नींबू के दो बराबर टुकड़ें करें। एक टुकड़े को अपने से आगे की ओर फेंकें और दूसरे टुकड़े को पीछे की ओर। इस समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। नींबू के टुकड़े फेंकने के बाद आप अपने काम पर जा सकते हैं या पुन: घर लौटकर आ सकते हैं।
 
 
हनुमानजी को सिंदूर और तेल अर्पित करें। जिस प्रकार विवाहित स्त्रियां अपने पति या स्वामी की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर लगाती हैं
, ठीक उसी प्रकार हनुमानजी भी अपने स्वामी श्रीराम के लिए पूरे शरीर पर सिंदूर लगाते हैं। जो भी व्यक्ति हनुमानजी को सिंदूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। हनुमानजी के मंदिर में 1 नारियल पर स्वस्तिक बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। अपनी श्रद्धा के अनुसार किसी हनुमान मंदिर में बजरंग बली की प्रतिमा पर चोला चढ़वाएं। ऐसा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।
रोचक और अजीब संग्रह आपके लिए.....
 
सभी धर्म प्रेमियोँ को मेरा यानि पेपसिह राठौङ तोगावास कि तरफ से सादर प्रणाम।
 
 
 
 
 

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