Sunday 8 February 2015

हनुमान भक्तों को क्यों नहीं सताते शनि ?



हनुमान भक्तों को क्यों नहीं सताते शनि ?


कई लोगों के मन यह जिज्ञासा रहती है कि हनुमानजी की पूजा से शनि के दोष क्यों दूर होते हैं। हनुमानजी और शनिदेव से जुड़े कई प्रसंग शास्त्रों में बताए गए हैं। इन्हीं प्रसंगों में इस प्रश्न का उत्तर है कि हनुमान जी की पूजा से शनि क्यों प्रसन्न होते हैं। एक ऐसा ही प्रसंग है, जिसमे हनुमानजी के सामने शनिदेव स्त्री बन गए थे।

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार एक समय शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। शनि के कोप से आम जनता भयंकर कष्टों का सामना कर रही थी। ऐसे में लोगों ने हनुमानजी से प्रार्थना की कि वे शनिदेव के कोप को शांत करें। बजरंग बली अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और उस समयश्रद्धालुओं की प्रार्थना सुनकर वे शनि पर क्रोधित हो गए।

जब शनिदेव को यह बात मालूम हुई कि हनुमान जी उन पर क्रोधित हैं और युद्ध करने के लिए उनकी ओर ही आ रहे हैं तो वे बहुत भयभीत हो गए। भयभीत शनिदेव ने हनुमानजी से बचने के लिए स्त्री रूप धारण कर लिया। शनिदेव जानते थे कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते हैं। हनुमानजी शनिदेव के सामने पहुंच गए, शनि स्त्री रूप में थे। तब शनि ने हनुमानजी के चरणों में गिरकर क्षमा याचना की और भक्तों पर से शनि का प्रकोप हटा लिया। तभी से हनुमानजी के भक्तों पर शनिदेव की तिरछी नजर का प्रकोप नहीं होता है।

इस कथा का प्रमाण गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में स्थित है। यहां हनुमानजी का मंदिर है जो कि सैकड़ों साल पुराना है। इस मंदिर में कष्टभंजन हनुमानजी विराजमान है। कष्टभंजन हनुमानजी सोने के सिंहासन पर विराजमान हैं और उन्हें महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर बहुत चमत्कारी है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
बजरंग बली ने शनि महाराज को कष्टों से मुक्त कराया था, उनकी रक्षा की थी इसलिए शनि देवता ने यह वचन दिया था हनुमानजी की उपासना करने वालों को वे कभी कष्ट नहीं देंगे। बल्कि कष्टों को दूर कर उनकी रक्षा करेंगे।
शनि या साढ़े साती की वजह से होने वाले कष्टों के निवारण हेतु हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।
बजरंग बली की पूजा से शनि का प्रकोप शांत होता है।
सूर्य व मंगल के साथ शनि की शत्रुता व योगों के कारण उत्पन्न कष्ट भी दूर हो जाते हैं।

संकटमोचन को ऐसे करें प्रसन्न

मंगलवार को सूर्योदय के समय नहाकर श्री हनुमते नमः मंत्र का जप करें।
मंगल को सुबह तांबे के लोटे में जल व सिंदूर मिश्रित कर श्री हनुमानजी को अर्पित करें।
श्री हनुमान यंत्र को सिद्ध कर लाल धागे में धारण करें, हर मंगलवार को इसका विधिवत पूजन करें।
लगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान को गुड़ का भोग लगाएँ। शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से इसे शुरु करें।
चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर श्री हनुमान को अर्पित करें। मंगलवार के दिन करने से शीघ्र सफलता मिलती है।
हर मंगलवार को श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
चित्रा या मृगशिरा नक्षत्रों में किसी भी मंगलवार से शुरु कर लगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान के मंदिर में जाकर केले का प्रसाद चढ़ाएँ।
मंगलवार को सूर्योदय के समय नहाकर श्री हनुमते नमः मंत्र का जप करें।
मंगल को सुबह तांबे के लोटे में जल व सिंदूर मिश्रित कर श्री हनुमानजी को अर्पित करें।
श्री हनुमान यंत्र को सिद्ध कर लाल धागे में धारण करें, हर मंगलवार को इसका विधिवत पूजन करें।
लगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान को गुड़ का भोग लगाएँ। शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से इसे शुरु करें।
चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर श्री हनुमान को अर्पित करें। मंगलवार के दिन करने से शीघ्र सफलता मिलती है।
हर मंगलवार को श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
चित्रा या मृगशिरा नक्षत्रों में किसी भी मंगलवार से शुरु कर लगातार 10 मंगलवार तक श्री हनुमान के मंदिर में जाकर केले का प्रसाद चढ़ाएँ।

रोचक और अजीब संग्रह आपके लिए.....

सभी धर्म प्रेमियोँ को मेरा यानि पेपसिह राठौङ तोगावास कि तरफ से सादर प्रणाम।


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